अब तो मैं उनके लिये रोता भी नहीं
अब तो मैं उनके लिये रोता भी नहीं
शायद मेरा ही समजना नाकाफी था
जुबां तो बोली उनकी के मैने तुम्हारे बारे मे कभी सोचा ही नही
नैना कुछ अलग हि बयां कर रहे थे जब हम आखिरी बार मिले थे
सिवाय मान जाने के अलावा चारा भी न था कोइ
ना मानना मेरी नजरों मे उनपे गैरभरोसा हो जाता
समझानेकी कोशिश कर रहा हुं खुदको के ये दर्या तुम्हारा नहीं
पर हाय ये दिल कि कश्ति है के तुफ़ां हि पसंद करती है